1. डॉ. नगेन्द्र द्वारा सम्पादित ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास’ का प्रथम संस्करण कब प्रकाशित हुआ ?
(अ) 1964 ई.
(ब) 1970 ई.
(स) 1973 ई.
(द) 1976 ई.
उत्तर : (स) 1973 ई.
विशेष :- नेशनल पब्लिशिंग हाउस द्वारा प्रकाशन
2. डॉ. नगेन्द्र द्वारा सम्पादित ‘ हिन्दी साहित्य का इतिहास’ के लेखक मण्डल में नहीं था ?
(अ)डॉ. भोलानाथ तिवारी
(ब) डॉ. गणपतिचन्द्र गुप्त
(स) आचार्य परशुराम चतुर्वेदी
(द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
उत्तर : (द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
विशेष :-
जिसे हम डॉ. नगेन्द्र का ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास’ कहते हैं वास्तव में ‘डॉ. नगेन्द्र’ उसके सम्पादक व ‘डॉ. हरदयाल उसके सहसम्पादक है।
डॉ. नगेन्द सम्पादित ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास’ का रचनाकार एक लेखक मण्डल है; जैसे-
डॉ. नगेन्द्र – भूमिका
- हिन्दी साहित्य का इतिहास : पुनर्लेखन की समस्याएँ
- काल विभाजन और नामकरण
- रीतिकाल की उपलब्धियाँ
- उपसंहार
- डॉ. भोलानाथ तिवारी – हिन्दी भाषाः उद्भव, विकास और स्वरूप
- डॉ. गणपतिचन्द्र गुप्त – पूर्वपीठिका, प्रेमाख्यानक काव्य
- आचार्य परशुराम चतुर्वेदी – भक्तिकाल, पूर्वपीठिका
- डॉ. विजयेन्द्र स्नातक – सगुण भक्ति काव्य, भक्तिकाल की उपलब्धियाँ
- डॉ. बच्चन सिंह – आधुनिक काल – पूर्वपीठिका
- डॉ. रामचन्द्र तिवारी – भारतेन्दु युग- गद्य साहित्य
– द्विवेदी युग- गद्य साहित्य - डॉ. गोपाल राय – छायावाद युग- गद्य साहित्य
- डॉ. हरदयाल – उत्तर आधुनिक विमर्श
– अद्यतन हिन्दी कविता
– अद्यतन हिन्दी गद्य साहित्य
3. केवल अतीत ही वर्तमान को प्रभावित नहीं करता, वर्तमान भी अतीत को प्रभावित करता है ।” यह कथन है ?
(अ) डॉ. नगेन्द्र
(ब) इलियट
(स) स्किनर
(द) डॉ. बच्चन सिंह
उत्तर : (ब) इलियट
4. ‘शौरसेनी अपभ्रंश’ की उपभाषा नहीं है ?
(अ) पश्चिमी हिन्दी
(ब) राजस्थानी
(स) पूर्वी हिन्दी
(द) गुजराती
उत्तर : (स) पूर्वी हिन्दी
विशेष :-
अपभ्रंश – उपभाषाएँ
1.शौरसेनी – पश्चिमी हिन्दी, राजस्थानी,
– पहाड़ी, गुजराती
2. पैशाची – लहंदा, , पंजाबी
3. व्राचड़ – सिंधी
4. महाराष्ट्री – मराठी
5. मागधी – बिहारी, बांग्ला, उड़िया, असमिया
6. अर्द्धमागधी – पूर्वी हिन्दी
नोट:-
हिन्दी भाषा का उद्भव व विकास अपभ्रंश के निम्न रूपों से हुआ है-
1 शौरसेनी 2. अर्द्धमागधी 3. मागधी
आचार्य रामचंद्र शुक्ल प्रश्नोत्तरी SET-01 – Click Here
5. ‘बिहारी’ उपभाषा की बोली नहीं है ?
(अ) अवधी
(ब) भोजपुरी
(स) मैथिली
(द) मगही
उत्तर- (अ) अवधी
विशेष :-
उपभाषाएँ – बोलियाँ
1. प. हिन्दी – 1. खड़ी बोली 2. ब्रज 3. बांगरू (हरियाणी) 4. बुंदेली 5. कन्नौजी
2. पूर्वी हिन्दी – 1. अवधी 2. बघेली 3. छत्तीसगढ़ी
3. राजस्थानी – 1. प. राजस्थानी (मारवाड़ी)
– 2. पूर्वी राजस्थानी (जयपुरी)
– 3. उत्तरी राजस्थानी ( मेवाती )
– 4. दक्षिणी राजस्थानी ( मालवी )
4. पहाड़ी – 1. प. पहाडी 2. मध्यवर्ती पहाड़ी (कुमाऊँनी गढ़वाली)
5. बिहारी – 1. मगही, 2. मैथिली, 3. भोजपुरी
6. किस बोली का उपनाम ‘कौरवी’ भी है ?
(अ) खड़ी बोली
(ब) ब्रजभाषा
(स) अवधी
(द) मगही
उत्तर-(अ) खड़ी बोली
7. ‘ब्रजभाषा’ का विकास किस अपभ्रंश से हुआ है ?
(अ) पैशाची
(ब) ब्राचड़
(स) महाराष्ट्री
(द) शौरसेनी
उत्तर- (द) शौरसेनी
विशेष :- शौरसेनी से प. हिन्दी, प. हिन्दी से ब्रज
8. ‘हरियाणवी’ बोली का अन्य नाम है ?
(अ) बांगरु
(ब) कौरवी
(स) खरी
(द)खड़ी बोली
उत्तर- बांगरु
9. बोली व उसके क्षेत्र से संबंधित असंगत क्रम है ?
(अ) मैथिली – पूर्णिया, दरभंगा, मुंगेर
(ब) पूर्वी राजस्थानी – जयपुर, किशनगढ़, अजमेर
(स) बघेली – बिलासपुर, रायपुर, नंदगांव
(द) अवधी – फतेहपुर, प्रतापगढ़, सीतापुर
उत्तर – (स) बघेली – बिलासपुर, रायपुर, नंदगांव
विशेष :-
बघेली – रीवां, नागौद, शहडौल, सतना, नागौद, महर, रीवां छत्तीसगढी- बिलासपुर, रायपुर, नंदगाँव
10. ‘उर्दू’ का शाब्दिक अर्थ है ?
(अ) शाही शिविर
(ब) खेमा
(स) फौजी पड़ाव
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (द) उपर्युक्त सभी
11. “हिन्दू मग पर पांव न राख्यौ, का बहुतै जो हिन्दी भाख्यौ ।’
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस रचनाकार की है ?
(अ) नूर मुहम्मद
(ब) जायसी
(स) उसमान
(द) शेखनवी
उत्तर-(अ) नूर मुहम्मद
12. हिन्दी में कितनी उपभाषाएँ व बोलिया है ?
(अ) 4 व 16
(ब) 5 व 17
(स) 3 व 11
(द) 4 व 13
उत्तर- (ब) 5 व 17
13. हिन्दी भाषा का विकास किस उपभ्रंश से नहीं हुआ है ?
(अ) शौरसेनी
(ब) मागधी
(स) अर्धमागधी
(द) पैशाची
उत्तर- (द) पैशाची
14. अपभ्रंश में कितने स्वर थे ?
(अ) चार
(ब) छ:
(स) आठ
(द) ग्यारह
उत्तर- (स) आठ
विशेष :-
आठस्वर – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ओ
- ये आठों स्वर मूल स्वर है ।
- आदिकाल में हिन्दी में दो नये स्वर
- ऐ, औ विकसित हो गये, जो संस्कृत स्वर थे ।
15. वर्तमान में हिन्दी भाषा है ?
(अ) संयोगात्मक
(ब) वियोगात्मक
(स) अ व ब दोनों
(द) कोई नहीं
उत्तर- (ब) वियोगात्मक
विशेष :-
- अपभ्रंश संयोगात्मक थी
- अपभ्रंश में क्रिया तथा कारकीय रूप संयोगात्मक होते थे।
- हिन्दी में सहायक क्रिया तथा परसर्गों का प्रयोग काफी होने लगा और धीरे-धीरे संयोगात्मक भाषा का रूप वियोगात्मक हो गया।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल प्रश्नोत्तरी SET-02 – Click Here
16. अपभ्रंश भाषा थी ?
(अ) संयोगात्मक
(ब) वियोगात्मक
(स) अ व ब दोनों
(द) कोई नहीं
उत्तर – (अ) संयोगात्मक
17. ‘बिहारी’ भाषा का विकास किस अपभ्रंश से हुआ है ?
(अ) शौरसेनी
(ब) पैशाची
(स) ब्राचड़
(द) मागधी
उत्तर- (द) मागधी
विशेष :-
मागधी अपभ्रंश से बिहारी, बांग्ला, उड़िया, असमिया
18. ‘पूर्वी हिन्दी’ का विकास किस अपभ्रंश से हुआ है ?
(अ) अर्धमागधी
(ब) मागधी
(स) महायष्टी
(द) ब्राचड़
उत्तर- (अ) अर्धमागधी
19. ‘ब्रजभाषा’ का क्षेत्र नहीं है ?
(अ) आगरा
(ब) मथुरा
(स) एटा
(द) मेरठ
उत्तर- (द) मेरठ
20. ‘पीलीभीत ‘ क्षेत्र में हिन्दी की कौनसी बोली, बोली जाती है ?
(अ) बुंदेली
(ब) बघेली
(स) कन्नौजी
(द) छत्तीसगढ़ी
उत्तर-(स) कन्नौजी
हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल प्रश्नोत्तरी SET-01 – Click Here
हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल प्रश्नोत्तरी SET-02 – Click Here
डॉ. नगेन्द्र प्रश्नोत्तरी SET-02 – Click Here
डॉ. नगेन्द्र प्रश्नोत्तरी SET-03 – Click Here