हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल Test-02 (NET,SET,TGT,PGT,Hindi) Special

हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल Test-02 (NET,SET,TGT,PGT,Hindi) Special

हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल Test -02 (NET,SET,TGT,PGT,Hindi) Special

1 / 51

1. समेलित कीजिए ?
( रचनाकार )                           (पुस्तक)
(अ) स्वयं‌भू                      1. एपकुमार चरिउ
(ब) देवसेन                       2. भविष्यत कहा
(स) धनपाल                     3. श्रावकाचार, दर्शनसार
(द) पुष्पदंत                      4. रिटमणि चरित्र, पउम चरिउ

2 / 51

हिन्दी साहित्य का इतिहास व उसके रचनाकाल का असंगत क्रम छाँटिए -

3 / 51

परमाल रासो' का 1865 ई. में 'आल्हाखण्ड' नाम से प्रकाशन किसने करवाया ?

4 / 51

आचार्य शुक्लानुसार कौन सिद्धों से अपनी अलग परम्परा बनाने के लिए पंजाब चले गये और वहाँ 'बालनाथ' कहलाये ?

5 / 51

प्रमुख जैन कवि व उनकी रचना से संबंधित असंगत कथन है ?

6 / 51

"अपभ्रंश की रचनाओं की परम्परा यहीं समाप्त होती है ।" आचार्य शुक्ल का यह कथन किसके लिए आया है ?

7 / 51

"माना कि रासो इतिहास नहीं है, काव्यग्रन्थ है पर काव्यग्रन्थों में सत्य घटनाओं में बिना किसी प्रयोजन कोई उलटफेर नहीं किया जाता । जयानक का 'पृथ्वीराज विजय' भी तो काव्य ग्रन्थ है उसमें क्यों घटना और नाम सही है । "
उपर्युक्त कथन किसका है ?

8 / 51

पृथ्वीराज रासो के संस्करण से संबंधित असंगत कथन है-

9 / 51

रामनरेश त्रिपाठी ने अपनी रचना 'कविता कौमुदी' में भारतेन्दु के पूर्व तक कितने कवियों की जीवनी रचनाओं सहित संकलित की है ?

10 / 51

"नाद न बिन्दु न रवि न ससि मण्डल,
चिअराअ सहाबे मूकल ।
जुरे उजु छाँङि मा लेहु रे बंक,
बोहि माजाहुरे रंक ।।" पंक्तियों के रचयिता है ?

11 / 51

"दसवीं से चौदहवीं शताब्दी का काल जिसे हिन्दी का आदिकाल कहते हैं । भाषा की दृष्टि से अपभ्रंश का ही बढावा है । इसी अपभ्रंश के बढ़ाव को कुछ लोग उत्तरकालीन अपभ्रंश कहते हैं और कुछ लोग पुरानी हिन्दी । "
उपर्युक्त कथन है ?

12 / 51

"बारहवीं शताब्दी तक निश्चित रूप से अपभ्रंश भाषा ही पुरानी हिन्दी के रूप में चलती थी, यद्यपि उसमें नए तत्सम शब्दों का आगमन शुरू हो गया । "
उपर्युक्त कथन किस आलोचक का है ?

13 / 51

"जहि मन पवन न संचरई, रवि ससि नोहि प्रवेश ।
तहि बट चित बिसास करु, सरेहे कहिअ उवेष ।।"
पद के रचयिता है ?

14 / 51

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किस रासो ग्रन्थ की भाषा को 'बिल्कुल 'बेठिकाने की भाषा' कहा है ?

15 / 51

"मनहु कला ससभान कला सोलह सो बन्निय ।
बाल बैस, ससि ता समीप अमृत रस पिन्निय ।।"
उपर्युक्त पद्य किस रासो ग्रन्थ से उद्धृत है ?

16 / 51

अमीर खुसरो के गीतों और दोहों की भाषा है ?

17 / 51

सरहपा का समय माना गया है ?

18 / 51

"गंगा जउँना माझे रे बहइ नाई,
ताहि बुङिलि मातंग पोइआ लीले पार करई ।।"
पंक्तियों के रचयिता है ?

19 / 51

"भक्तिवाद पर सिद्धों का प्रभाव है। इनके साहित्य की सबसे बड़ी महत्त्वपूर्ण देन यह है कि आदिकाल की प्रामाणिक सामग्री प्राप्त हुई है ।" उपर्युक्त कथन किसका है ?

20 / 51

सोमप्रभसूरि द्वारा लिखित रचना है ?

21 / 51

सुमेलित कीजिए ?
( रचनाकार )                                      (समय)
(अ) सुमतिगण                              1. रेवंतगिरीरास
(ब) विजयसेन सूरि                        2. शब्दानुशासन
(स) हेमचंन्द्र                                 3. स्थूलिभद्र रास
(द) जिनधर्मसूरि                           4. नेमिनाथ रास

22 / 51

'कीर्तिलता' एवं 'कीर्तिपताका' की भाषा है ?

23 / 51

विद्यापति की किस रचना के लिए उन्हे 'अभिनव जयदेव' कहा जाता है ?

24 / 51

'आदिकाल नाम भ्रामक है इससे बाबा आदम के जमाने का आभास होता है ।" उपर्युक्त कथन है ?

25 / 51

"बारह बरस लै कूकर जिवै, अरु तेरह लो जिये सियार ।
'बरस अठारह क्षत्रिय जिवै, आगे जीवन को धिक्कार ।। "
उपर्युक्त पक्तियाँ किस रासो रचनाकार की है ?

26 / 51

"बारह सौ बहोत्तरा मजारी, जेठ बदि नवमी बुधवारि ।
नाल्ह रसायन आरंभ भई शारदा तुठी ब्रहम कुमारी ॥ "
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस रचना से ली गई है ?

27 / 51

विद्यापति को रहस्यवादी किसने कहा ?

28 / 51

ढोला मारु रा दूहा' के रचयिता है ?

29 / 51

डॉ. नगेन्द्र के अनुसार किस इतिहासकार ने अपने इतिहास ग्रंथ में अपभ्रंश साहित्य को हिन्दी साहित्य से अलग मानकर उसे पूर्व पीठिका के रूप में प्रस्तुत किया है ?

30 / 51

उक्ति व्यक्ति प्रकरण' में किस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया है ?

31 / 51

ऐतिहासिक चेतना व पूर्व परम्परा की दृष्टि से हिन्दी के सबसे सशक्त इतिहासकार है ?

32 / 51

अपभ्रंश को 'पुरानी हिन्दी' नहीं मानने वाले इतिहासकार थे ?

33 / 51

नाथ सम्प्रदाय के विभिन्न नाम - सिद्धमत, सिद्ध मार्ग, योग मार्ग योग सम्प्रदाय, अवधूतमत, अवधूत सम्प्रदाय किस विद्वान ने दिए ?

34 / 51

हिन्दी का संतकाव्य पूर्ववती सिद्धों व नाथपंथियों के साहित्य कां सहज विकसित रूप है। " कथन किनका है ?

35 / 51

"प्रेमाख्यान काव्य परम्परा भी संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश की काव्य परम्पराओं पर आधारित है।" ऐसा मानने वाले साहित्यकार है ?

36 / 51

"हिन्दू समाज में नीचे से नीचे समझी जाने वाली जाति भी अपने से नीची एक ओर जाति ढूँढ लेती है।" कथन है ?

37 / 51

नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिंदी साहित्य का बृहत् इतिहास' के 'प्रथम भाग' का शीर्षक है –

RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II

38 / 51

कौन सा विवरण सही नहीं है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II

39 / 51

"इतिहास का इतिवृत्तात्मक लेखन सबसे प्रथम मिश्रबंधुओं के 'विनोद' में पाया जाता है।" यह उक्ति किसकी है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper- II

40 / 51

'भारतीय साहित्य की भूमिका' के लेखक हैं :
GIC प्रवक्ता भर्ती परीक्षा-2017

41 / 51

"इस संबंध में इसके अतिरिक्त और कुछ कहने की जगह नहीं कि यह पूरा ग्रंथ वास्तव में जाली है। " 'पृथ्वीराजरासो' विषयक यह स्थापना किसकी है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II

42 / 51

इस ग्रंथ में शृंगार की ही प्रधानता है, वीर रस का किंचिंत् आभास मात्र है।"
रामचंद्र शुक्ल की यह मान्यता किस ग्रंथ के संदर्भ में है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II

43 / 51

"वे सांप्रदायिक शिक्षा मात्र हैं, अतः शुद्ध साहित्य की कोटि में नहीं आ सकतीं।" सिद्धों, नाथों, योगियों की रचनाओं के विषय में यह किसका मत है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II

44 / 51

आदिकालीन हिंदी कवि अमीर खुसरो विषयक कौन सा तथ्य सही नहीं है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II

45 / 51

अपभ्रंश के कवियों को विस्मरण करना हमारे लिए हानि की वस्तु है। यही कवि हिंदी - काव्य-धारा के प्रथम स्स्रष्टा थे।'' यह कथन किसका है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II

46 / 51

निम्नलिखित पंक्तियों को उनके रचयिताओं से सुमेलित कीजिए:
सूची I                                                                                          सूची II
(a) नगर बाहिरे डोंबी तोहरि कुड़िया छाइ                                  (i) लूहिपा
(b) काआ तरुवर पंच बिड़ाल                                                   (ii) कण्हपा
(c) कड़वा बोल न बोलिस नारि                                                 (iii) खुसरो
(d) मोराँ जोबना नवेलरा भयो है गुलाल                                     (iv) नरपति नाल्ह
(v) सरहपा
कोड:
(A) (B) (C) (D)

47 / 51

आदिकाल में किस प्रकार का साहित्य लिखा जा रहा था ?
KVS. PGT. 2014

48 / 51

निम्नांकित में से सिद्ध साहित्य के विषय में कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
UP PGT 2004

49 / 51

'शब्दानुशासन' के लेखक है –
UGC NET IInd Paper Dec. 2009

50 / 51

'खालिकबारी' किसकी रचना है ?
UGC NET IInd Paper Dec. 2009

51 / 51

'पीछे लागा जाइ था, लोक बेद के साथ। आग थे सतगुरु मिल्या, दीपक दीया हाथि ॥'
उक्त पंक्तियों में कबीर कहना चाहते हैं:
(A) लोक और वेद का अनुसरण करने के कारण मैं परमतत्त्व से दूर था।
(B) लोक और वेद की रूढ़िवादिता ने परमतत्त्व के अभिज्ञान का मार्ग प्रशस्त किया।
(C) सतगुरु के ज्ञान रूपी प्रकाश में मैंने परमतत्त्व का साक्षात्कार किया।
(D) सतगुरु ने दीपक थमाकर संसार में भटकने के लिए 'छोड़ दिया।
निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए :
UGC NET Dec. 2019

Your score is

The average score is 60%

0%

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *