1. समेलित कीजिए ?
( रचनाकार ) (पुस्तक)
(अ) स्वयंभू 1. एपकुमार चरिउ
(ब) देवसेन 2. भविष्यत कहा
(स) धनपाल 3. श्रावकाचार, दर्शनसार
(द) पुष्पदंत 4. रिटमणि चरित्र, पउम चरिउ
(अ) अ – 4 ब – 2 स – 3 द – 1
(ब) अ – 4 ब – 3 स – 2 द – 1
(स) अ – 2 ब – 3 स – 1 द – 4
(द) अ – 4 ब – 3 स – 1 द – 2
उत्तर : (ब) अ – 4 ब – 3 स – 2 द – 1
2. हिन्दी साहित्य का इतिहास व उसके रचनाकाल का असंगत क्रम छाँटिए –
(अ) सुन्दरी तिलक- 1869 ई.
(ब) तजकिरा – ई- शुअरा – ई – हिन्दी 1911 ई.
(स) हिन्दी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास- 1965 ई.
(द) हिन्दी साहित्य का नया इतिहास- 1969 ई.
उत्तर : (ब) तजकिरा – ई- शुअरा – ई – हिन्दी 1911 ई.
3. परमाल रासो’ का 1865 ई. में ‘आल्हाखण्ड’ नाम से प्रकाशन किसने करवाया ?
(अ) चार्ल्स इलियट
(ब) आचार्य शुक्ल
(स) डॉ. गणपतिचन्द्र गुप्त
(द) मुनिजिन विजय
उत्तर : (अ) चार्ल्स इलियट
4. आचार्य शुक्लानुसार कौन सिद्धों से अपनी अलग परम्परा बनाने के लिए पंजाब चले गये और वहाँ ‘बालनाथ’ कहलाये ?
(अ) जालंधर नाथ
(ब) मत्स्येन्द्रनाथ
(स) गोरखनाथ
(द) नागार्जुन
उत्तर : (अ) जालंधर नाथ
5. प्रमुख जैन कवि व उनकी रचना से संबंधित असंगत कथन है ?
(अ) हेमचन्द्र – कुमारपाल चरित
(ब) सोमप्रभ सूरि – कुमारपालप्रतिबोध
(स) मेरुतुंग – प्रबंधचिंतामणि
(द) शारंगधर – प्राकृत पिंगल सूत्र
उत्तर : (द) शारंगधर – प्राकृत पिंगल सूत्र
6. “अपभ्रंश की रचनाओं की परम्परा यहीं समाप्त होती है ।” आचार्य शुक्ल का यह कथन किसके लिए आया है ?
(अ) हम्मीर रासो
(ब) प्रबंधचिंतामणि
(स) उक्ति व्यक्ति प्रकरण
(द) परमाल रासो
उत्तर : (अ) हम्मीर रासो
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7. “माना कि रासो इतिहास नहीं है, काव्यग्रन्थ है पर काव्यग्रन्थों में सत्य घटनाओं में बिना किसी प्रयोजन कोई उलटफेर नहीं किया जाता । जयानक का ‘पृथ्वीराज विजय’ भी तो काव्य ग्रन्थ है उसमें क्यों घटना और नाम सही है । “
उपर्युक्त कथन किसका है ?
(अ) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(ब) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(स) श्यामसुंदर दास
(द) मिश्रवंधु
उत्तर : (अ) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
8. पृथ्वीराज रासो के संस्करण से संबंधित असंगत कथन है-
(अ) प्रथम संस्करण नागरी प्रचारिणी सभा काशी द्वारा सम्पादित है जिसकी हस्तलिखित प्रति उदयपुर के संग्रहालय में सुरक्षित है। इस संस्करण में 69 समय तथा 16306 छन्द है ।
(ब) द्वितीय संस्करण में 7000 छंद है इसका प्रकाशन नहीं हुआ है इसकी प्रतियाँ अबोहर में सुरक्षित है जो 17वीं शताब्दी की लिखी है ।
(स) तृतीय संस्करण लघु संस्करण है जिसमें 19 खण्ड और 3500 छंद है इस संस्करण की हस्तलिखित प्रतियाँ अजमेर सुरक्षित है।
(द) चौथा संस्करण सबसे छोटा है जिसमें केवल 1300 छंद है डॉ. दशरथ शर्मा इसे ही मूल रासो मानते हैं।
उत्तर : (स) तृतीय संस्करण लघु संस्करण है जिसमें 19 खण्ड और 3500 छंद है इस संस्करण की हस्तलिखित प्रतियाँ अजमेर सुरक्षित है।
9. रामनरेश त्रिपाठी ने अपनी रचना ‘कविता कौमुदी’ में भारतेन्दु के पूर्व तक कितने कवियों की जीवनी रचनाओं सहित संकलित की है ?
(अ) 70
(ब) 89
(स) 113
(द) 139
उत्तर : (ब) 89
10. “नाद न बिन्दु न रवि न ससि मण्डल,
चिअराअ सहाबे मूकल ।
जुरे उजु छाँङि मा लेहु रे बंक,
बोहि माजाहुरे रंक ।।” पंक्तियों के रचयिता है ?
(अ) लुइपा
(ब) सरहपा
(स) शब
(द) शारंगधर
उत्तर : (ब) सरहपा
11. “दसवीं से चौदहवीं शताब्दी का काल जिसे हिन्दी का आदिकाल कहते हैं । भाषा की दृष्टि से अपभ्रंश का ही बढावा है । इसी अपभ्रंश के बढ़ाव को कुछ लोग उत्तरकालीन अपभ्रंश कहते हैं और कुछ लोग पुरानी हिन्दी । “
उपर्युक्त कथन है ?
(अ) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(ब) डॉ. नगेन्द्र
(स) रामचन्द्र शुक्ल
(द) रामविलास शर्मा
उत्तर : (अ) हजारीप्रसाद द्विवेदी
12. “बारहवीं शताब्दी तक निश्चित रूप से अपभ्रंश भाषा ही पुरानी हिन्दी के रूप में चलती थी, यद्यपि उसमें नए तत्सम शब्दों का आगमन शुरू हो गया । “
उपर्युक्त कथन किस आलोचक का है ?
(अ) रामचन्द्र शुक्ल
(ब) बच्चन सिहं
(स) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(द) मिश्रबंधु
उत्तर : (स) हजारी प्रसाद द्विवेदी
13. ” जहि मन पवन न संचरई, रवि ससि नोहि प्रवेश ।
तहि बट चित बिसास करु, सरेहे कहिअ उवेष ।।”
पद के रचयिता है ?
(अ) शबरपा
(ब) सरहपा
(स) कण्हपा
(द) लुइपा
उत्तर : (ब) सरहपा
14. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किस रासो ग्रन्थ की भाषा को ‘बिल्कुल ‘बेठिकाने की भाषा’ कहा है ?
(अ) बीसलदेव रासो
(ब) खुमाण रासो
(स) पृथ्वीराज रासो
(द) पृथ्वीराज विजय
उत्तर : (स) पृथ्वीराज रासो
15. “मनहु कला ससभान कला सोलह सो बन्निय ।
बाल बैस, ससि ता समीप अमृत रस पिन्निय ।।”
उपर्युक्त पद्य किस रासो ग्रन्थ से उद्धृत है ?
(अ) पृथ्वीराज रासो
(ब) परमाण रासो
(स) खुमाण रासो
(द) विजयपाल रासो
उत्तर : (अ) पृथ्वीराज रासो
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16. अमीर खुसरो के गीतों और दोहों की भाषा है ?
(अ) खड़ी बोली
(ब) अवधी
(स) ब्रज
(द) कन्नौजी
उत्तर : (स) ब्रज
17. सरहपा का समय माना गया है ?
(अ) 769 ई०
(ब) 840 ई०
(स) 820 ई०
(द) 781 ई०
उत्तर : (अ) 769 ई०
18. “गंगा जउँना माझे रे बहइ नाई,
ताहि बुङिलि मातंग पोइआ लीले पार करई ।।”
पंक्तियों के रचयिता है ?
(अ) लुइपा
(ब) डोम्बिपा
(स) कण्हपा
(द) कुक्कुरिपा
उत्तर : (ब) डोम्बिपा
19. “भक्तिवाद पर सिद्धों का प्रभाव है। इनके साहित्य की सबसे बड़ी महत्त्वपूर्ण देन यह है कि आदिकाल की प्रामाणिक सामग्री प्राप्त हुई है ।” उपर्युक्त कथन किसका है ?
(अ) डॉ. नगेन्द्र
(ब) रामचन्द्र शुक्ल
(स) डॉ. बच्चन सिंह
(द) हजारीप्रसाद द्विवेदी
उत्तर : (द) हजारीप्रसाद द्विवेदी
20. सोमप्रभसूरि द्वारा लिखित रचना है ?
(अ) चंदनबालारास
(ब) कुमारपाल प्रतिबोध
(स) स्थूलभद्ररास
(द) छन्दोनुशासन
उत्तर : (ब) कुमारपाल प्रतिबोध
21. सुमेलित कीजिए ?
( रचनाकार ) (समय)
(अ) सुमतिगण 1. रेवंतगिरीरास
(ब) विजयसेन सूरि 2. शब्दानुशासन
(स) हेमचंन्द्र 3. स्थूलिभद्र रास
(द) जिनधर्मसूरि 4. नेमिनाथ रास
(अ) अ-4 ब-3 स- 2 द-1
(ब) अ-1 ब-4 स- 2 द-3
(स) अ-4 ब-1 स- 2 द-3
(द) अ-4 ब-1 स-3 द-2
उत्तर : (स) अ-4 ब-1 स- 2 द-3
22. ‘कीर्तिलता’ एवं ‘कीर्तिपताका’ की भाषा है ?
(अ) अपभ्रंश
(ब) अवहट्ठ
(स) प्राकृत
(द) ब्रज
उत्तर : (ब) अवहट्ठ
23. विद्यापति की किस रचना के लिए उन्हे ‘अभिनव जयदेव’ कहा जाता है ?
(अ) विद्यापति पदावली
(ब) कीर्तिलता
(स) कीर्तिपताका
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर : (अ) विद्यापति पदावली
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24. ‘आदिकाल नाम भ्रामक है इससे बाबा आदम के जमाने का आभास होता है ।” उपर्युक्त कथन है ?
(अ) आचार्य शुक्ल
(ब) विश्ववनाथ प्रसाद मिश्र
(स) डॉ. बच्चन सिंह
(द) डॉ. नगेन्द्र
उत्तर : (स) डॉ. बच्चन सिंह
25. “बारह बरस लै कूकर जिवै, अरु तेरह लो जिये सियार ।
‘बरस अठारह क्षत्रिय जिवै, आगे जीवन को धिक्कार ।। “
उपर्युक्त पक्तियाँ किस रासो रचनाकार की है ?
(अ) जगनिक
(ब) अमीर खुसरो
(स) नरपति नाल्ह
(द) चन्दबरदाई
उत्तर : (ब) अमीर खुसरो
26. ‘बारह सौ बहोत्तरा मजारी, जेठ बदि नवमी बुधवारि ।
नाल्ह रसायन आरंभ भई शारदा तुठी ब्रहम कुमारी ॥ “
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस रचना से ली गई है ?
(अ) परमाल रासो
(ब) बीसलदेव रासो
(स) हम्मीर रासो
(द) विजयपाल रासो
उत्तर : (स) हम्मीर रासो
27. विद्यापति को रहस्यवादी किसने कहा ?
(अ) बच्चन सिंह ने
(ब) जॉर्ज ग्रियर्सन ने
(स) रामचन्द्र शुक्ल ने
(द) डॉ. नगेन्द्र ने
उत्तर : (ब) जॉर्ज ग्रियर्सन ने
28. ढोला मारु रा दूहा’ के रचयिता है ?
(अ) राम सिंह
(ब) कुशल लाभ
(स) कवि कल्लोल
(द) भट्ट केदार
उत्तर : (स) कवि कल्लोल
29. डॉ. नगेन्द्र के अनुसार किस इतिहासकार ने अपने इतिहास ग्रंथ में अपभ्रंश साहित्य को हिन्दी साहित्य से अलग मानकर उसे पूर्व पीठिका के रूप में प्रस्तुत किया है ?
(अ) गणपतिचन्द्र गुप्त
(ब) डॉ. धीरेन्द्र वर्मा
(स) डॉ. नगेन्द्र
(द) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
उत्तर : (द) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
30. उक्ति व्यक्ति प्रकरण’ में किस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया है ?
(अ) छंदो का प्रयोग
(ब) आलंकारिक भाषा
(स) दोनो
(द) कोई नही
उत्तर : (ब) आलंकारिक भाषा
31. ऐतिहासिक चेतना व पूर्व परम्परा की दृष्टि से हिन्दी के सबसे सशक्त इतिहासकार है ?
(अ) आचार्य शुक्ल
(स) राहुल सांकृत्यायन
(ब) डॉ. बच्चन सिंह
(द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
उत्तर : (द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
32. अपभ्रंश को ‘पुरानी हिन्दी’ नहीं मानने वाले इतिहासकार थे ?
(अ) चन्द्रधर शर्मा गुलेरी
(ब) आचार्य शुक्ल
(स) राहुल सांकृत्यायन
(द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
उत्तर : (द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
33. नाथ सम्प्रदाय के विभिन्न नाम – सिद्धमत, सिद्ध मार्ग, योग मार्ग योग सम्प्रदाय, अवधूतमत, अवधूत सम्प्रदाय किस विद्वान ने दिए ?
(अ) डॉ. नगेन्द्र
(ब) आचार्य शुक्ल
(स) डॉ. बच्चन सिंह
(द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
उत्तर : (द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
34. हिन्दी का संतकाव्य पूर्ववती सिद्धों व नाथपंथियों के साहित्य कां सहज विकसित रूप है। ” कथन किनका है ?
(अ) हरप्रसाद शास्त्री
(ब) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(स) गुलेरी जी
(द) आचार्य शुक्ल
उत्तर : (ब) हजारी प्रसाद द्विवेदी
35. “प्रेमाख्यान काव्य परम्परा भी संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश की काव्य परम्पराओं पर आधारित है।” ऐसा मानने वाले साहित्यकार है ?
(अ) शिव सिंह सेंगर
(ब) डॉ. नगेन्द्र
(स) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(द) हरप्रसाद शास्त्री
उत्तर : (स) हजारी प्रसाद द्विवेदी
36. “हिन्दू समाज में नीचे से नीचे समझी जाने वाली जाति भी अपने से नीची एक ओर जाति ढूँढ लेती है।” कथन है ?
(अ) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(ब) डॉ. रामकुमार वर्मा
(स) डॉ. बच्चन सिंह
(द) रामवृक्ष बेनीपुरी
उत्तर : (अ) हजारी प्रसाद द्विवेदी
37. नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित ‘हिंदी साहित्य का बृहत् इतिहास’ के ‘प्रथम भाग’ का शीर्षक है –
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II
(अ) हिंदी भाषा का विकास
(ब) हिंदी साहित्य का उद्भव और विकास
(स) हिंदी साहित्य का अभ्युत्थान
(द) हिंदी साहित्य की पीठिका
उत्तर : (d) हिंदी साहित्य की पीठिका
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38. कौन सा विवरण सही नहीं है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II
(अ) गार्सा द तासी ने अपने इतिहास ग्रंथ में कवियों को कालक्रमानुसार प्रस्तुत किया है।
(ब) ‘शिवसिंह सरोज’ में लगभग एक हजार कवियों का जीवन-चरित उनके कविताओं के उदाहरण सहित प्रस्तुत किया गया है।
(स) जॉर्ज ग्रियर्सन के इतिहास ग्रंथ का हिंदी अनुवाद – ‘हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ है।
(द) जॉर्ज ग्रियर्सन ने कवियों और लेखकों को कालक्रमानुसार वर्गीकृत किया है।
उत्तर : (अ) गार्सा द तासी ने अपने इतिहास ग्रंथ में कवियों को कालक्रमानुसार प्रस्तुत किया है।
39. ” इतिहास का इतिवृत्तात्मक लेखन सबसे प्रथम मिश्रबंधुओं के ‘विनोद’ में पाया जाता है।” यह उक्ति किसकी है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper- II
(अ) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
(ब) डॉ. रामकुमार वर्मा
(स) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
(द) डॉ. नगेंद्र
उत्तर : (स) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
40. ‘भारतीय साहित्य की भूमिका’ के लेखक हैं :
GIC प्रवक्ता भर्ती परीक्षा-2017
(अ) दूधनाथ सिंह
(ब) रामविलास शर्मा
(स) रामदरश मिश्र
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (अ) दूधनाथ सिंह
41. “इस संबंध में इसके अतिरिक्त और कुछ कहने की जगह नहीं कि यह पूरा ग्रंथ वास्तव में जाली है। ” ‘पृथ्वीराजरासो’ विषयक यह स्थापना किसकी है ? RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II
(अ) रामचंद्र शुक्ल
(ब) कविराज श्यामलदास
(स) डॉ. बूलर
(द) गौरीशंकर हीराचंद ओझा
उत्तर : (ब) कविराज श्यामलदास
42. “इस ग्रंथ में शृंगार की ही प्रधानता है, वीर रस का किंचिंत् आभास मात्र है।”
रामचंद्र शुक्ल की यह मान्यता किस ग्रंथ के संदर्भ में है ? RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II
(अ) पृथ्वीराजरासो
(ब) बीसलदेवरासो
(स) खुमाणरासो
(द) विजयपालरासो
उत्तर : (स) खुमाणरासो
43. “वे सांप्रदायिक शिक्षा मात्र हैं, अतः शुद्ध साहित्य की कोटि में नहीं आ सकतीं।” सिद्धों, नाथों, योगियों की रचनाओं के विषय में यह किसका मत है ?
RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II
(अ) जॉर्ज ग्रियर्सन
(ब) डॉ. नगेंद्र
(स) रामचंद्र शुक्ल
(द) मिश्रबंधु
उत्तर : (द) मिश्रबंधु
44. आदिकालीन हिंदी कवि अमीर खुसरो विषयक कौन सा तथ्य सही नहीं है ? RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II
(अ) उनकी पहेलियाँ, मुकरियाँ और दो सुखने हिंदी साहित्य में प्रसिद्ध हैं।
(ब) उनकी रचनाओं में खड़ीबोली काव्यभाषा बनने का प्रयास कर रही थी ।
(स) उन्होंने जनजीवन के साथ घुलमिलकर काव्यरचना की है।
(द) उनका लक्ष्य जनता को धर्मोपदेश देना मात्र था।
उत्तर : (अ) उनकी पहेलियाँ, मुकरियाँ और दो सुखने हिंदी साहित्य में प्रसिद्ध हैं।
45. अपभ्रंश के कवियों को विस्मरण करना हमारे लिए हानि की वस्तु है। यही कवि हिंदी – काव्य-धारा के प्रथम स्स्रष्टा थे।” यह कथन किसका है ? RPSC Assit. Prof. 2020 Paper-II
(अ) राहुल सांकृत्यायन
(ब) मिश्रबंधु
(स) शिवसिंह सेंगर
(द) हजारीप्रसाद द्विवेदी
उत्तर : (अ) राहुल सांकृत्यायन
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46. निम्नलिखित पंक्तियों को उनके रचयिताओं से सुमेलित कीजिए:
सूची I सूची II
(a) नगर बाहिरे डोंबी तोहरि कुड़िया छाइ (i) लूहिपा
(b) काआ तरुवर पंच बिड़ाल (ii) कण्हपा
(c) कड़वा बोल न बोलिस नारि (iii) खुसरो
(d) मोराँ जोबना नवेलरा भयो है गुलाल (iv) नरपति नाल्ह
(v) सरहपा
कोड:
(A) (B) (C) (D)
(अ) (ii) (i) (iv) (iii)
(ब) (i) (ii) (iii) (v)
(स) (iv) (iii) (ii) (i)
(द) (iii) (ii) (v) (iv)
उत्तर : (अ) (ii) (i) (iv) (iii)
47. आदिकाल में किस प्रकार का साहित्य लिखा जा रहा था ? KVS. PGT. 2014
(अ) जन-जीवन से हटकर राजाओं की वीरता का अतिरंजित वर्णन
(ब) कृष्ण-भक्ति पर आधारित काव्य
(स) निर्गुण की उपासना
(द) उपर्युक्त किसी प्रकार का नहीं
उत्तर : (अ) जन-जीवन से हटकर राजाओं की वीरता का अतिरंजित वर्णन
48. निम्नांकित में से सिद्ध साहित्य के विषय में कौन सा कथन सत्य नहीं है ? UP PGT 2004
(अ) सिद्ध साहित्य का झुकाव सहज साधना की ओर है
(ब) सिद्ध साहित्य के प्रथम कवि सरहपा हैं
(स) सिद्ध साहित्य की रचना चर्यापदों तथा दोहों में हुई है
(द) सिद्ध साहित्य का प्रणयन पिंगल भाषा में
उत्तर : (द) सिद्ध साहित्य का प्रणयन पिंगल भाषा में
49. ‘शब्दानुशासन’ के लेखक है –
UGC NET IInd Paper Dec. 2009
(अ) रामचन्द्र शुक्ल
(ब) हेमचन्द्र
(स) सरहपाद
(द) स्वयंभू
उत्तर : (ब) हेमचन्द्र
50. ‘खालिकबारी’ किसकी रचना है ?
UGC NET IInd Paper Dec. 2009
(अ) खालिक खलक
(ब) रहीम
(स) अमीर खुसरो
(द) अकबर
उत्तर : (स) अमीर खुसरो
51. ‘पीछे लागा जाइ था, लोक बेद के साथ। आग थे सतगुरु मिल्या, दीपक दीया हाथि ॥’
उक्त पंक्तियों में कबीर कहना चाहते हैं:
(A) लोक और वेद का अनुसरण करने के कारण मैं परमतत्त्व से दूर था।
(B) लोक और वेद की रूढ़िवादिता ने परमतत्त्व के अभिज्ञान का मार्ग प्रशस्त किया।
(C) सतगुरु के ज्ञान रूपी प्रकाश में मैंने परमतत्त्व का साक्षात्कार किया।
(D) सतगुरु ने दीपक थमाकर संसार में भटकने के लिए ‘छोड़ दिया।
निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए : UGC NET Dec. 2019
(अ) (A) और (B)
(ब) (A) और (C)
(स) (B) और (C)
(द) (B) और (D)
उत्तर : (ब) (A) और (C)
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