Posted inTest Series हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल Test-01 (NET,SET,TGT,PGT,Hindi) Special Posted by Bhawna June 22, 20242 हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल Test-01 (NET,SET,TGT,PGT,JRF,Hindi) Special 1 / 50 'इस्तवार द् ला लीतेत्युर ऐन्दुई ऐ ऐन्दुस्तानी से संबंधित अंसगत कथन है ? इसके रचनाकार फ्रेंच विद्वान गार्मा-द-तासी है। यह मूलत: अंग्रेजी भाषा में है । हिन्दी एवं उर्दू के कवियों का वर्णन वर्णक्रमानुसार है। यह दो भागों में क्रमश: 1839 व 1847 में प्रकाशित हुआ। 2 / 50 शिव सिंह सैंगर के ग्रन्थ 'शिवसिंह सरोज' की रचना कब हुई थी ? 1839 ई. 1883 ई. 1888 ई. 1884 ई. 3 / 50 'द मॉर्डन वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' से संबंधित असंगत कथन है ? इसकी रचना 1888 ई. में जार्ज ग्रियर्सन द्वारा की गई थी। यह मूलत: अंग्रेजी भाषा का ग्रन्थ है। इसमें लगभग 863 कवियों का वर्णन है । इसमें भक्तिकाल को 'स्वर्णयुग' की संज्ञा दी गई है 4 / 50 हजारीप्रसाद द्विवेदी द्वारा 'बिहार राष्ट्र भाषा परिषद्' के तत्त्वाधान में दिए गए पाँच व्याख्यानों का संग्रह है ? हिन्दी साहित्य का आदिकाल आधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहास हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास हिन्दी साहित्य 5 / 50 आदिकाल के बारे में ऐसा किसने कहा कि "शायद ही भारतवर्ष साहित्य के इतिहास में इतने विरोधी और स्वतोव्याघातों का युग कभी आया होगा । " आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हजारीप्रसाद द्विवेदी डॉ. धीरेन्द्र वर्मा शिवकुमार शर्मा 6 / 50 "केवल नैतिक और धार्मिक या आध्यात्मिक उपदेशों को देखकर यदि हम ग्रंथों को साहित्य-सीमा से बाहर निकालने लगेंगे, तो हमें आदिकाव्य से भी हाथ धोना पड़ेगा, तुलसी - रामायण से भी अलग होना पड़ेगा, कबीर की रचनाओं को भी नमस्कार कर देना पड़ेगा और जायसी को भी दूर से दण्डवत् करके विदा कर देना होगा ।"उपर्युक्त कथन किस आलोचक का है ? डॉ. बच्चन सिंह डॉ. नगेन्द्र डॉ. गणपतिचन्द्र गुप्त हजारीप्रसाद द्विवेदी 7 / 50 हिन्दी साहित्य का 'आलोचनात्मक इतिहास' की रचना सात प्रकरण में हुई है। उनमें से एक नहीं है ? पहला प्रकरण - संधिकाल दूसरा प्रकरण- चारणकाल छठा प्रकरण- कृष्णकाव्य पाँचवां प्रकरण – प्रेमकाव्य 8 / 50 हिन्दी साहित्य सम्मेलन की रिपोर्टों, मिश्रबंधु विनोद, शिवसिंह सरोज आदि ग्रन्थों की सहायता से 96 पृष्ठ की हिन्दी भाषा और साहित्य के इतिहास से संबंध रखने वाली एक छोटी सी पुस्तिका 'हिन्दी' नाम से किसने लिखी ? बदरीनाथ भट्ट मोहन अवस्ती सूर्यप्रसाद दीक्षित हरदेव बाहरी 9 / 50 'हिन्दी के मुसलमान कवि' के रचयिता है ? गौरीशंकर द्विवेदी गंगाप्रसाद सिंह कृष्णशंकर शुक्ल रमाशंकर शुक्ल 10 / 50 पृथ्वीराज रासो को 'घटनाकोश' किसने कहा है ? बाबूगुलाब राय रामचन्द्र शुक्ल डॉ. नगेन्द्र डॉ. बच्चन सिंह 11 / 50 जॉर्ज ग्रियर्सन ने अपने हिन्दी साहित्य के इतिहास के आधार ग्रन्थ के रूप में लगभग कितनी रचनाओं का संदर्भ दिया है ? आठ बारह सत्रह इक्कीस 12 / 50 " मैं इस्लाम के महत्त्व को भूल नहीं रहा हूँ, लेकिन जोर देकर कहना चाहता हूँ कि अगर इस्लाम न आया होता तो भी इस साहित्य का बारह आना वैसा ही होता, जैसा आज है । "उपर्युक्त कथन किस आलोचक का है ? आचार्य रामचन्द्र शुक्ल परशुराम चतुर्वेदी रामस्वरूप चतुर्वेदी हजारी प्रसाद द्विवेदी 13 / 50 डॉ. नगेन्द्र द्वारा सम्पादित 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' कितनेअध्याय में लिखा गया है ? 10 12 17 19 14 / 50 "हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की दीर्घपरम्परा में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का कार्य उसका वह मध्यवर्ती प्रकाश स्तम्भ है, जिसके समक्ष सभी पूर्ववर्ती प्रयास आभाशून्य प्रतीत होते हैं तो साथ ही सभी परवर्ती प्रयास उसके आलोक से आलोकित है।" उपर्युक्त कथन है ? डॉ. नगेन्द्र आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी डॉ. गणपति चन्द्र गुप्त डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी 15 / 50 डॉ. रामकुमार वर्मा द्वारा रचित 'हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास' कितने प्रकरणों में विभक्त है ? 5 7 9 8 16 / 50 नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा 'हिन्दी साहित्य का वृहत् इतिहास' कितने भागों में प्रकाशित किया गया ? 12 16 18 21 17 / 50 'पंजाब प्रांतीय हिन्दी साहित्य का इतिहास' के रचनाकार है ? डॉ. टीकम सिंह तोमर श्री चन्द्रकान्त बाली काशीनाथ खत्री श्रद्धाराम फुल्लौरी 18 / 50 आदिकाल के नामकरण से संबंधित कौन-सा विकल्प सही नहीं है ?(हिन्दी प्रतियोगी परीक्षा 01.11.2018) ग्रियर्सन चारण काल राहुल सांकृत्यायन - सिद्ध सामंतकाल हजारी प्रसाद द्विवेदी- आदिकाल विश्वनाथ प्रसाद मिश्र संधिकाल 19 / 50 इनमें से कौन-सी रचना वीरगाथात्मक है ?(हिन्दी प्रतियोगी परीक्षा 01.11.2018) बीसलदेव रासो कीर्तिलता विद्यापति पदावली खुसरो की पहेलियाँ 20 / 50 इनमें से कौन-सी रचना आदिकाल के जैन साहित्य में सम्मिलित नहीं है ?(हिन्दी प्रतियोगी परीक्षा 01.11.2018) वर्ण रत्नाकर भरतेश्वर बाहुबलि रास श्रावकाचार चंदनबाला रस 21 / 50 कवि स्वयंभू की कौनसी रचना अपूर्ण रह गयी थी ? रिट्ठणेमिचरिउ स्वयंभूछंद पउमचरिउ पंचमी चरिउ 22 / 50 आसगु कवि द्वारा 1200 ई. में रचित 'चन्दनबालारास' कितने छंदों का खण्डकाव्य है ? 35 250 85 80 23 / 50 1231 ई. में रचित प्रमुख जैन ग्रन्थ 'रेवंतगिरिरास' के रचयिता है ? सुमतिगण विजयसेन सूरि आसगु जिनधर्मसूरि 24 / 50 पृथ्वीराज रासो के संस्करण और उनमें निहित छंद का असंगत क्रम छाँटिए - प्रथम संस्करण-16306 छंद द्वितीय संस्करण - 7000 छंद तृतीय संस्करण - 3500 छंद चतुर्थ संस्करण - 1800 छंद 25 / 50 पृथ्वीराज रासो के संस्करण व जहाँ वे संग्रहालय में सुरक्षित है का असंगत क्रम है ? प्रथम संस्करण - उदयपुर संग्रहालय द्वितीय संस्करण- अबोहर व बीकानेर संग्रहालय तृतीय संस्करण - बीकानेर संग्रहालय चतुर्थ संस्करण - जयपुर संग्रहालय 26 / 50 "रघुनाथ चरित हनुमन्त कृत, भूप भोज उद्धरिय जिमि ।प्रथिराज सुजस कवि चन्द्रकृत, चन्द नंद उद्धरिय तिमि ।।"उपर्युक्त पंक्तियाँ किस महाकाव्य से उद्धृत है ? परमालरासो बीसलदेव रासो पृथ्वीराज रासो खुमाण रासो 27 / 50 आचार्य शुक्ल ने आदिकाल को वीरगाथा काल नाम देने के लिए कितनी रचनाओं का उल्लेख किया ? सात चार दस बारह 28 / 50 आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' ग्रन्थ की पृष्ठों की अति महत्त्वपूर्ण भूमिका के लेखक है ? डॉ. धीरेन्द्र वर्मा डॉ. श्यामसुन्दर दास डॉ. वेंकट शर्मा डॉ. बृजेश्वर 29 / 50 सर्वसम्मति से हिन्दी साहित्य का प्रथम कवि किसे माना जाता है ? चन्दबरदाई देवसेन सरहपाद पुष्य या पुण्ड 30 / 50 'सरहपाद' को हिन्दी का प्रथम कवि मानने वाले विद्वान इनमें से कौन हैं ?(व. अध्यापक परीक्षा- 2018, विशेष शिक्षा ) शिवसिंह सेंगर राहुल सांकृत्यायन गणपति चन्द्रगुप्त नंद दुलारे वाजपेयी 31 / 50 इनमें से कौन-सी रचना आदिकाल के गद्य साहित्य की नहीं है ?(व. अध्यापक परीक्षा - 2018, विशेष शिक्षा) वर्ण रत्नाकार राउलवेल श्रावकाचार उक्तिव्यक्ति प्रकरण 32 / 50 ''रासो' शब्द की व्युत्पति के संबंध में असंगत छाँटिए ? गार्सा -द-तासी - राजसूय से रामचन्द्र शुक्ल - रसायण से हजारीप्रसाद द्विवेदी - रसिक से चन्द्रबली पाण्डेय - रासक से 33 / 50 आदिकालीन साहित्य से संबंधित इनमें से कौनसा कथन सही नहीं है ?(प्राध्यापक स्कूल शिक्षा परीक्षा 03.01.2020 ) दोहा आदिकालीन अपभ्रंश साहित्य का प्रमुख छंद है। दोहाकोशों और चर्यागीतों की भाषा-शैली में कोई अंतर नहीं है । चर्यापद एक प्रकार के गीत होते हैं जो सामान्यतः अनुष्ठान के समय गाए जाते हैं। आदिकालीन बौद्ध सिद्धों ने दोहाकोशों के साथ-साथ चर्यापदों की रचना भी की। 34 / 50 हिन्दी साहित्य का आरंभ 693 ई - से मानने वाले इतिहासकार इनमें से कौन है ?(प्राध्यापक स्कूल शिक्षा परीक्षा 03.01.2020 ) रामचन्द्र शुक्ल हजारीप्रसाद द्विवेदी रामकुमार वर्मा डॉ. नगेन्द्र 35 / 50 राहुल सांकृत्यायन ने हिन्दी का प्रथम कवि इनमें से किसे माना है ?(प्राध्यापक स्कूल शिक्षा परीक्षा 03.01.2020 ) पुष्य शालिभद्र सूरि कण्हपाद सरहपाद 36 / 50 रामकुमार वर्मा ने हिन्दी साहित्य के आदिकाल (प्रारंभिक काल) को किस नाम/ किन नामों से संबोधित किया है ?(प्राध्यापक स्कूल शिक्षा परीक्षा 03.01.2020 ) प्रारंभिक काल संधिकाल आदिकाल, वीरकाल सिद्ध-सामंत काल संधिकाल एवं चारण काल 37 / 50 आदिकाल के कवि सरहपाद की काव्य परम्परा में विकसित नाथ पंथ के हठयोग का पल्लवन आगे चलकर इनमें से किस कवि में हुआ ?(प्राध्यापक स्कूल शिक्षा परीक्षा 03.01.2020 ) जायसी तुलसी कबीर देवसेन 38 / 50 "बौद्धधर्म के सिद्धान्तों में देश की बदलती हुई परिस्थितियों ने जिन नवीन भावनाओं की सृष्टि की, उन्हीं के परिणाम स्वरूप सिद्ध साहित्य की रूपरेखा तैयार हुई ।" सिद्ध साहित्य के प्रादुर्भाव विषयक यह कथन इनमें से किसका है ?(प्राध्यापक स्कूल शिक्षा परीक्षा 03.01.2020 ) रामकुमार वर्मा धीरेन्द्र वर्मा गणपतिचन्द्र गुप्त मिश्र बंधु 39 / 50 नागरी प्रचारिणी सभा से प्रकाशित पृथ्वीराज रासों के संस्करण को प्रामाणिक मानने वाले विद्वान इनमें से कौन है ?(प्राध्यापक स्कूल शिक्षा परीक्षा 03.01.2020 ) रामचन्द्र शुक्ल कर्नल टॉड श्यामलदास गौरीशंकर हीराचंद ओझा 40 / 50 'भरतेश्वर बाहुबाल रास इनम सकिस काव्य धारा का ग्रंथ है ?(प्राध्यापक स्कूल शिक्षा परीक्षा 03.01.2020 ) जैन साहित्य रासो साहित्य सिद्ध साहित्य नाथ साहित्य 41 / 50 "जबकि प्रत्येक देश का साहित्य वहाँ की जनता की चितवृत्ति का संचित प्रतिबिम्ब होता है तब यह निश्चय है कि जनता की चितवृत्ति के परिवर्तन के साथ-साथ साहित्य का रूप भी परिवर्तन होगा। आदि से अंत तक इन्हीं चितवृत्तियों की परम्परा को परखते हुए साहित्य परम्परा के साथ उनका सामंजस्य दिखाना साहित्य का इतिहास कहलाता है ।" उपर्युक्त कथन किस प्रसिद्ध साहित्यकार का है? डॉ. रामकुमार वर्मा लक्ष्मी सागर वार्ष्णेय आचार्य शुक्ल हजारी प्रसाद द्विवेदी 42 / 50 "हेमचन्द्र ने अपने व्याकरण के उदाहरणों के लिए भट्टी के समान एक द्वयाश्रय काव्य के रूप में 'कुमारपाल चरित' की भी "रचना की है।"उपर्युक्त कथन किस प्रसिद्ध साहित्यकार का है ? हजारी प्रसाद द्विवेदी श्यामसुन्दर दास आचार्य शुक्ल डॉ. रामकुंमार वर्मा 43 / 50 उक्ति व्यक्ति प्रकरण में कितने प्रकरण है ? 5 प्रकरण 4 प्रकरण 3 प्रकरण 2 प्रकरण 44 / 50 "शंकराचार्य के बाद इतना प्रभावशाली और इतना महिमान्वित भारतवर्ष में गोरखनाथ के सिवाय कोई दूसरा नहीं हुआ।" यह किसने कहा है ? हजारी प्रसाद द्विवेदी आचार्य शुक्ल गणपति चन्द्र गुप्त डॉ० नगेन्द्र 45 / 50 आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने जैन साहित्य का उल्लेख क्या दिखाने के लिए किया है ? अपभ्रंश भाषा का व्यवहार कब से हो रहा था । धार्मिक साहित्य सिद्ध करने के लिए । संत काव्य की भूमिका बाँधने के लिए । वीरगाथा काल नाम देने के लिए। 46 / 50 आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के 'हिन्दी साहित्य के इतिहास' से संबंधितअसंगत क्रम है - इसकी रचना 1929 ई. में हुई थी। यह इतिहास मूलतः हिन्दी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द सागर' की भूमिका के रूप में 'हिन्दी साहित्य का विकास' नाम से लिखा गया था। इसके कवियों का परिचयात्मक विवरण मिश्रबंधु विनोद से लिया गया है। इसमें हिन्दी साहित्य के इतिहास को पाँच काल खण्डों में बाँटा गया है। 47 / 50 "रीतिकाल के कंवियों के परिचय लिखने में मैंने प्रायः 'मिश्रबधु विनोद' से ही विवरण लिए हैं।" यह कथन किसका है ?(प्राध्यापक संस्कृत शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा - 2018 ) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी राजकुमार वर्मा गणपतिचन्द्र गुप्त 48 / 50 हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन करने वाले प्रथम इतिहासकार हैं-(प्राध्यापक संस्कृत शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा-2018 ) जॉर्ज ग्रियर्सन शिवसिंह सेंगर मिश्र बंधु आचार्य रामचन्द्र शुक्ल 49 / 50 इनमें से कौन-सा तथ्य सही नहीं है ?(प्राध्यापक संस्कृत शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा - 2018 ) 'राउलवेल' में नायिका का नख-शिख वर्णन है। 'उक्ति व्यक्ति प्रकरण' एक व्याकरण ग्रंथ है। 'वर्णरत्नाकर' में काव्यशास्त्रीय तत्त्वों का विवेचन है। ‘वसंतविलास' में वसंत और स्त्रियों पर उसके विलासपूर्ण प्रभाव का चित्रण है । 50 / 50 इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है ?(प्राध्यापक संस्कृत शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा - 2018 ) जैन कवियों की रचनाएँ आचार, रास, फागु चरित आदि शैलियों में मिलती हैं। सिद्धों की रचनाएँ प्रमुखतः दो काव्यरूपों दोहाकोश और चर्यापद में उपलब्ध हैं । नाथ सिद्धों की वाममार्गी भोगप्रधान योगसाधना के पक्षधर थे । वीरगाथाओं के रूप में लिखित रासो काव्य जैन रास काव्य से भिन्न है । Your score isThe average score is 73% 0% Restart quiz Bhawna View All Posts Post navigation Previous Post हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल प्रश्नोत्तरी SET-01 (NET,SET,TGT,PGT,Hindi) SpecialNext Postआचार्य रामचन्द्र शुक्ल
kuldeepkumar29246@gmail.com Reply January 6, 2025, 6:09 am प्रश्नोत्तरी के टेस्ट में मिल जाएगी आपको| धन्यवाद
Sir pdf kha milegi
प्रश्नोत्तरी के टेस्ट में मिल जाएगी आपको|
धन्यवाद